Respected Madam,

Please explain this poem .[POem by Mahadevi Verma ]It is in our syllabus.

I do not understand ..when it rained ...Why chatak cried?

लाए कौन सन्देश नए घन ,

दिशि का चंचल परिमल अंचल ,चिन् हार से बिखर पड़े सखी,

जुगनू के लघु हीरक के कण ,लाए कौन सन्देश नए घन !
जड़ जग स्पंदित ,निश्छल कम्पित,फुट पड़े अवनी के संचित ,सपने म्र्दुतम

अंकुर बन बन!

रोया चातक , सकुचाया पिक,

मत्त मयूरों ने सूने  में झड़ियों का दुहराया नर्तन !
सुख दुःख से भर आया लघु उर,

मोती से उजाले जलकन से छाये मेरे विस्मित

लोचन !लाए कौन सन्देश नए घन !

Thanks ,

regards,Kritika

Hi!
आपने यह कविता पूरी नहीं लिखी है। परन्तु मैं आपको समझाने का प्रयास करती हूँ। कविता के आरम्भ में आकाश में बादल छा गए हैं, जिससे यह आभास होता है कि बारिश अवश्य होगी। परन्तु यह भ्रम मात्र था। आकाश में बादल तो छाए हैं परन्तु वर्षा नहीं हुई है। चातक भी इसलिए रो रहा है कि वह इस कारण से प्रसन्नता में था कि वर्षा होगी और वह अपनी प्यास बुझाएगा परन्तु बादल बरसे ही नहीं। अत: वह रोने लगा क्योंकि वह प्यासा रह जाएगा। (कहा जाता है कि चातक पक्षी वर्षा की पहली बूंदों से अपनी प्यास बूझता है।)  कवियत्री ने इस कविता में प्रकृति के माध्यम से अपने दुख को बताने का प्रयास किया।
 
ढेरों शुभकामनाएँ !

  • 10

This poem is only this much given in our text book vitaan.

Thanks a lot for this useful explanation.

Regards

  • 1
What are you looking for?