Samay ka pahiya chalta jaye

समय अपनी गति से बढ़ता रहता है। यह वह पहिया है, जो कभी रूकता नहीं है। यह निरन्तर चिरकाल से यूहीं चल रहा है और आने वाले समय में भी ऐसी ही चलता रहेगा। जो इसका सदुपयोग कर लेता है, वही जीवन में उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है। जो व्यक्ति समय के महत्व को नहीं समझते, उनके जीवन मे अंधकार ही अंधकार होता है और जो समझते हैं, वो जीवन के रहस्य को ज्ञान लेते हैं। समय के अनुसार चलने से संसार का हर कठिन से कठिन कार्य सुगम हो जाता है। समय का सदुपयोग करने से साधारण से साधारण व्यक्ति भी महान बन जाता है। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है, सफलता उसके कदम चूमती है। मैडम क्यूरी ने रात-रात भर जागकर मेहनत की, बीस-बीस घंण्टे प्रयोगशाला मे लगाए और 'रेडियम' की खोज की। जीवन का प्रत्येक क्षण कीमती है। प्रत्येक व्यक्ति को विचार-विमर्श कर उसका फायदा उठाना चाहिए न कि उसे गवाँ देना चाहिए। जो समय अनुसार काम करने की आदत डाल लेते हैं, उनके सभी कार्य पूरे हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति अपना सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन सफलतापूर्वक जी पाते हैं। समय का सदुपयोग करने वाले पठन-पाठन, खेल, व्यायाम, सामाजिक उत्सव, मनोरंजन, चिंतन-मनन सबके लिए समय निकाल पाते हैं। वे अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का आनन्द लेते हैं। समय का सदुपयोग न करने पर मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में असफलता व निराशा हाथ लगती है। ऐसे व्यक्ति सदा अपने दुर्भाग्य की दुहाई देकर स्वयं को निराश करते हैं। बीते हुए समय को याद करके अपना भविष्य अंधकारमय बना लेते हैं तथा जीवन को व्यर्थ ही गवाँ देते हैं। कबीरदास जी ने समय का गुणगान इस प्रकार किया गया है – काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल मे परलै होयगी, बहुरी करेगा कब।। जैसे दीपक के बुझने पर तेल डालने से तथा चोरी होने के बाद सावधान होने से कोई लाभ नहीं होता उसी प्रकार समय बीत जाने के बाद पछताने से कोई लाभ नहीं होता। समय को बरबाद करने वाले न केवल स्वयं बल्कि समाज व राष्ट्र का अनहित भी करते हैं। समय के पहिए के साथ चलने वाला व्यक्ति ही समझदार कहलाता है।

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