summary of atmatran

आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है कि चाहे कितना कठिन समय हो या कितनी विपदाएँ जीवन में हों। परन्तु हमारी आस्था तुम (भगवान) पर बनी रहनी चाहिए। उनके अनुसार जीवन में थोड़ा-सा दुख आते ही, मनुष्य का भगवान पर से विश्वास हट जाता है। कवि भगवान से प्रार्थना करता है कि ऐसे समय मैं आप मेरे मन में अपने प्रति विश्वास को बनाए रखना। उनके अनुसार भगवान पर विश्वास ही उन्हें सारी विपदाओं व कठिनाइयों से उभरने की शक्ति देता है। दूसरे वह (भगवान) मनुष्य को विषम परिस्थितियों में निडर होकर लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके अनुसार भगवान में वे शक्तियाँ हैं कि वह असंभव को संभव को बना सकते हैं। परन्तु कवि भगवान से प्रार्थना करते हैं कि परिस्थितियाँ कैसी भी हो, वह उनसे स्वयं आमना-सामना करें। भगवान मात्र उसका सहयोग करे।

  • 85
What are you looking for?