summary of girgit chapter
'गिरगिट' पाठ की कहानी रूस के प्रसिद्ध लेखक अंतोन चेखव द्वारा रचित है। इसमें लेखक ने सरकारी अधिकारियों पर व्यंग्य कसा है। ऊँचे पदों पर बैठे हुए, ये अधिकारी जनता के हितों को भूलकर अपने स्वार्थों के लिए गिरगिट की भांति समय-समय पर रंग बदलते रहते हैं। इनके लिए वे पूरी न्याय और कानून व्यवस्था को भी मज़ाक बनाकर रख देते हैं। वे अपना कर्तव्य भूलकर न्याय करने के स्थान पर जनता को ही मूर्ख बनाते रहते हैं। यह कहानी एक इंसपेक्टर ओचुमेलॉव की है। यह कहने के लिए पुलिस अफ़सर है परन्तु चापलूस व भ्रष्ट है। ख्यूक्रिन सुनार को एक कुत्ते ने काट लिया है। ओचुमेलॉव, ख्यूक्रिन को न्याय दिलाने का वादा करता है। ओचुमेलॉव को जैसे ही पता चलता है कि यह कुत्ता जनरल का है, वह उसका दोषी ख्यूक्रिन को ठहराता है। किसी के द्वारा यह कहे जाने पर कि यह कुत्ता तो छोटी नस्ल का है, जनरल का नहीं हो सकता है। ओचुमेलॉव फिर ख्यूक्रिन की ओर हो जाता है। जनरल के नौकर द्वारा इस बात की पुष्टि हो जाती है कि यह कुत्ता जनरल के भाई का ही है। ओचुमेलॉव फिर अपनी बात से फिरते हुए, ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराता है। वह कुत्ते को जनरल के नौकर को सौंपकर उन्हें अपना सलाम भेज देता है। ख्यूक्रिन का कोई दोष न होने पर भी वह सबके समक्ष हँसी का पात्र बन जाता है। लेखक के अनुसार ऐसे लोगों के कारण ही आम जनता का कानून और न्याय व्यवस्था पर से विश्वास हट जाता है, जो कि एक देश के लिए सही नहीं है।