summary of premchand story pariksha

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प्रस्तुत कहानी के माध्यम से प्रेमचंद समाज में यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस देश की जनता भोग-विलास में लिप्त हो जाती है, उसका अंत निश्चित होता है। दूसरा संदेश बहुत ही महत्वपूर्ण जान पड़ता है। यह सत्य है कि एक देश, समाज और परिवार की शिक्षा-दीक्षा की ज़िम्मेदारी एक स्त्री पर होती है। उसी के हाथों में अपने परिवार, समाज और देश की बागडोर होती है। यदि वही अपनी राह से हट जाए, तो परिवार, समाज और देश के पतन को कोई नहीं बचा सकता है। प्रेमचंद इस कहानी के माध्यम से स्त्री जाति को संबोधित करते हुए उन्हें अपने परिवार, समाज और देश को बचाने के लिए उत्साहित करते हैं। उनके अनुसार स्त्री अवश्य घरों में ही रहती हैं। परन्तु परदे के पीछे रहकर भी वह इतनी शक्ति रखती है कि एक जाति, एक धर्म एक समाज और एक देश के विकास को नई सोच, प्रगति और रफ़्तार दे सकती ही। नादिरशाह एक क्रूर व्यक्ति है। परन्तु वह एक समझदार और दूरदर्शी व्यक्ति है। वह दूरदर्शिता से यह अंदाज़ा लगा लेता है कि इस देश का भविष्य अब संकट में है और यह सत्य भी है। 



 

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