vidyalya ka khel divas

मेरे विद्यालय में 1 सिंतबर को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की तैयारी बहुत पहले से आरंभ हो जाती है। हर वह बच्चा इसमें भाग लेता है, जो खेल में रूचि लेता है। इसमें 100, 200, 400 मीटर की दौड़, लाँग जम्प, बैटमिटन, फुटबॉल, क्रिकेट, तैराकी आदि खेलों मैं प्रतियोगिता होती है। इस बार मैंने भी तैराकी मैं भाग लिया था। इस दिन आरंभ से ही सब बच्चों में कौतुहल तथा रोमांच भर हुआ था। एक बड़ा मंट बनाया गया था। जहाँ पर प्रधानाचार्य जी और अतिथिगण के बैठने का बंदोबस्त किया गया था। हर स्थान पर अलग-अलग परीक्षक बिठाए गए थे, जो हर खिलाड़ी से विजेता चयन करने वाले थे। मेरे मित्र गोपाल के साथ मेरा कड़ी प्रतियोगिता थी। परन्तु उसमें मैं विजयी रहा। मेरे मित्र से लेकर सभी ने मेरी सराहना की क्योंकि मैंने पिछले वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया था। खेल दिवस में पूरे दिन चहल-पहल रही। मेरा खेल समाप्त होने के बाद मैंने अन्य प्रतियोगी के खेल देखे और आनंद लिया। यह दिन मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ।

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