vigyapan ke hani aur labh. plse give me today in one hours

मित्र इस विषय पर स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए।

विज्ञान मनुष्य के लिए चमत्कार से कम नहीं है। विज्ञान ने वह कर दिखाया है, जो पहले संभव नहीं था। आज विज्ञान के कारण ही मनुष्य चाँद पर पहुँच पाया है। यह मनुष्य के लिए ईश्वर का दिया वरदान है। परन्तु यह बात भी सत्य है कि वरदान का यदि दुरुपयोग किया जाए , तो उसे अभिशाप बनते देर नहीं लगती है। हमने इसका प्रयोग अपने जीवन को सभी सुविधाओं से युक्त और सुखमय बनाने के लिए किया। हम यह भुल गए कि इसकी सहायता से जो आविष्कार हमारे द्वारा किए गए हैं , उनका बिना - सोचे समझे किया गया प्रयोग हमारे आने वाले भविष्य को संकट में डाल रहा है। हम आज घर में हर बड़े-छोटे काम करने के लिए विज्ञान के आविष्कार मौजूद हैं। इस कारण हमारी शारीरिक क्षमता कम हो रही है। हम आलसी और बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। हर कार्य के लिए विज्ञान पर निर्भर हैं। आज हर तरह का प्रदूषण इन आविष्कारों की देन है। वाहनों ने वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाया है। मनुष्य की प्रगति ने पृथ्वी का नाश किया है और रहा सहा जो बचा है , हमारे द्वारा विध्वंस करने वाले संहारक अस्त्रों को बनाकर पूरा कर लिया गया है। ये हथियार मनुष्यता की रक्षा के स्थान पर मनुष्य के नाश का साधन मात्र बनकर रह गए हैं। हमें चाहिए कि ऐसे प्रयास करें कि विज्ञान को अभिशाप के स्थान पर वरदान ही बने रहने दिया जाए। विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है। इसका प्रयोग मानवता के लिए किया जाए , तभी तक यह महत्वपूर्ण है। नहीं तो इसकी उपयोगिता मानवता के लिए नग्न है। हमें चाहिए कि इसका प्रयोग सोच - विचार कर करें। ऐसे आविष्कारों के निर्माण और खोज पर प्रतिबंध लगा दिया जाएँ , जो पूरी मानव जाति के लिए घातक सिद्ध हों। मानव जाति के कल्याण के लिए ही इसका उपयोग किया जाए। ऐसा करने से यह बहुमूल्य वरदान फलीभूत होगा और हम इसका भरपूर लाभ उठा सकेंगे। 

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