wat is d meaning of d paragraphs of geet-ageet of sparsh (Hindi) ??

plzz help me!!!

Hi,
गीत-अगीत के
प्रथम भाग में कवि नदी के बहने को उसके विरह के गीत मानता है मानो वह अपनी धारा से सबको अपना दुख व्यक्त कर रही हो। उसी प्रकार गुलाब का फुल भी यही सोचता है कि उसके पास स्वर होते तो वह सबको अपनी व्यथा सुनता। कवि को इसमें सुन्दर गीत की अनुभूति होती है। कवि सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या प्रकृति द्वारा गाये जाने वाला यह गीत।
 
दूसरे में कवि एक तोता ऊँचे स्वर में गा रहा है व उसका गीत सुनकर तोती बहुत प्रसन्न है पर वह अंडे सेकने के कारण उसका साथ नहीं दे पाती। वह स्वयं में गर्व का अनुभव कर रही है। कवि को इसमें सुन्दर गीत की अनुभूति होती है। कवि फिर यही सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या तोते द्वारा गाये जाने वाला।
 
तीसरे में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को बुलाने के लिए गीत गा रहा है और प्रेमिका उसका गाना नीम के पेड़ के पीछे छुपकर सुन रही है और मन ही मन प्रसन्न हो रही है। वह सोचती है काश वह इस गीत की एक कड़ी होती तो कितना अच्छा होता। कवि यही सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या प्रकृति द्वारा गाये जाने वाला गीत।
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरो शुभकामनाएँ!

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thank u so much mam!!!!

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 geet mtlb gana..ageet mtlb besura

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