what is the means of poem gram shree written by sumitra nandan pant

'ग्राम श्री' कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत ने गाँव और उसके आस-पास छाई सुंदरता का वर्णन किया है। पंत जी प्रकृति का मनोरम वर्णन करने में सिद्धहस्त कवि हैं। उनके समान प्रकृति का इतना सुंदर चित्रण कम ही कवियों द्वारा किया गया है। इस कविता में कवि ने प्रकृति की सुन्दरता का बहुत मनोरम और सजीव वर्णन किया है। पक्की हुई फसलें, चारों तरफ छाई हरियाली, उस हरियाली पर गिरती सुरज की किरणें, सब्जियों से भरे खेत, पेड़ों पर लदे फल-फूल, गंगा के किनारे की सुंदर रेती और सर्दी की रातों में गाँव की सुंदरता का मनोहारी वर्णन किया गया है। कविता को पढ़कर ह्दय में जो अभिव्यक्ति होती है, उसे व्यक्त नहीं किया सकता है। कवि ने प्रकृति वर्णन करते हुए, कविता के साथ पूरा न्याय किया है। कविता पड़ते ही ह्दय प्रसन्नता से भर जाता है। मन में सारे दृश्य प्रकट हो जाते हैं, ऐसा प्रतीत होता है मानो सब हमारी आँखों के सामने ही घटित हो रहा हो। 

  • 5
What are you looking for?