what is the summary of chapter दिये जल उठे of class 9

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'दिए जल उठे' कहानी आज़ादी के लिए प्रयत्नशील भारत की महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। जब वल्लभभाई पटेल के आह्वान पर पूरा भारत 'दांडी कूच' के लिए तैयार था। इस कूच को असफल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने उनको तीन महीने के कारावास में डाल दिया। गांधी जी को वल्लभभाई पटेल की इस तरह से हुई गिरफ्तारी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा साबरमती से आरंभ हुई। गांधी जी बोरसद से होते हुए रास गए वहाँ उन्होंने जनता का आह्वान किया। वहाँ से वह कनकापुरा पहूँचे। इस दांडी कूच का उद्देश्य था लोगों के अंदर आजादी के लिए जोश पैदा करना, सत्याग्रह के जनता को तैयार करना व बिटिश शासन से पूर्णस्वराज की माँग करना। कनकापुरा से नदी आधी रात में पार करनी थी लेकिन आधी रात में अंधेरा इतना गहरा था की कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तभी गांधीजी व आज़ादी के अन्य सिपाहियों का उत्साह बढ़ाने के लिए नदी के तट पर दोनों ओर हजारों दिए जल उठे। हजारों लोग हाथों में दिए लेकर खड़े हो गए ताकि लोगों को नदी पार करने में कोई परेशानी न हो। यह कहानी उस एकता का साक्ष्य है जो आज़ादी के समय में थी। लोगों का एक ही उद्देश्य था, भारत को गुलामी के बंधन से मुक्त करवाना और अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ना।
 
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरों शुभकामनाएँ!

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summary of diye jal uthe by madhukar upadhyay of class ix

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