Write a 20 lines essay on 'My Mother' in hindi.

मित्र आप इस प्रकार लिख सकते हैं-

मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी व अच्छी माँ है। बचपन से आज तक मैं सदैव माँ के साथ रही हूँ। माँ के द्वारा हमेशा मेरी जरूरतों का ध्यान रखा गया। जब मैं छोटी थी, तो माँ ही मुझे नहलाती व तैयार करती थी। वह मेरे साथ खेलती थी और मुझे पढ़ाती भी थी। मेरे मुँह से निकला पहला शब्द माँ ही था। मेरे द्वारा सीखा गया पहला पाठ माँ ने ही सिखाया था। मेरे गिर जाने पर मुझसे ज्यादा वह रोती थी। वह मुझे मेरी गलती में डांटती भी थी परन्तु थोड़ी देर में मुझे प्यार भी करती थी। वह सदैव मेरे साथ मेरी छाया के समान रहती थी और आज भी हैं। पिताजी भी मेरा बड़ा ध्यान रखते हैं परन्तु माँ की बात ही अलग है। मैं अपनी माँ से स्वयं को अधिक करीब पाती हूँ। ऐसा कभी नहीं हुआ की मुझे माँ की जरूरत हो और उन्हें मेरा साथ न दिया हो। उन दिनों की बात है जब मेरे स्कूल में गरमी की छुट्टियाँ पड़ी हुई थी। मैं सारा-सारा दिन धूप में खेलती और जब मौका मिलता माँ की आँख बचाकर बाहर खेलने चली जाती। माँ मना किया करती थी की बाहर बहुत गरमी है। इतनी गरमी में नहीं खेलना चाहिए। लेकिन मैंने माँ की एक बात नहीं मानी। एक दिन माँ के सो जाने पर मैं घर से बाहर निकल गई व अपनी सहेलियों के साथ दिनभर खेलती रही। उस दिन अधिक गरमी हो रही थी। अचानक में बेहोश हो गई। मेरी सहेलियों ने माँ को बुलाया। मेरे कारण माँ बहुत परेशान रही। डाक्टर ने बताया की मुझे गरमी से ऐसा हुआ है। माँ मेरी दिन-रात सेवा करती रही। वह मेरे लिए नाना प्रकार के खेल-खिलौने लाई। वह मेरे साथ खेलती ताकि मैं बाहर न जाऊँ। इस घटना ने मुझे इस बात का एहसास कराया की माँ मुझे कितना स्नेह करती है। मैं और मेरी माँ हम दोनों का रिश्ता सखियों जैसा है। वह कभी मेरे साथ माँ जैसा व्यवहार नहीं करती। मेरी वो सबसे अच्छी दोस्त है। उनके साथ जो खुशी मुझे मिलती है, वह अन्य किसी के साथ नहीं मिलती। माँ के बिना मैं अपनी कल्पना भी नहीं कर सकती। माँ भी मेरे बिना एक पल नहीं रह पाती। मेरे कारण वह बाहर ज्यादा आती-जाती भी नहीं है। मेरे परीक्षा के दिनों में तो वह मेरे साथ ही पूरी-पूरी रात जागती रहती हैं ताकि मुझे किसी चीज की जरूरत न पड़ जाए। मेरी माँ और मैं एक दूसरे बहुत प्यार करते हैं। मैं उनकी सबसे प्यारी बेटी हूँ वो मेरी सबसे प्यारी माँ।

 

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                                                                                                     मेरी मांby Pragatमेरी मां बहुत प्यारी हैं। वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं। भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं। वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं। पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं। दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं। मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूं और उनकी हर बात मानता हूं। 

मेरी मां जॉब भी करती हैं। घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वे बहुत ही अच्छे से निभाती हैं। उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं। मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं। मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं। जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आती हैं। उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं।

मेरी मां ममता की देवी समान हैं। वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं। मेरी मां मेरी आदर्श हैं। वे मुझे सच के रास्ते पर चलने की सीख देती हैं। समय का महत्व बताती हैं। कहते हैं कि मां ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है। जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे दुनिया की सबसे अच्छी मां दी।
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