yadi main pakshi hota par lekh

यदि मेरे पंख होते, तो मैं हवा में उड़ सकता। मैं कई बार पक्षियों को हवा में उड़ता हुआ देखकर मोहित हो जाता हूँ। आकाश में पक्षियों के समान उड़ना मेरी अभिलाषा है। पक्षी खूले आकाश में बिना किसी कठिनाई के उड़ सकते हैं। कहीं भी आ जा सकते हैं। पंख फैलाकर वह आकाश की ऊँचाई नाप सकते हैं। दूर क्षितिज तक जा सकते हैं। इंद्रधनुष के रंगों को प्रत्यक्ष रूप में समीप से देख सकते हैं। मनोवांछित पेड़ पर बैठ सकते हैं। मज़ेदार फलों का सेवन कर सकते हैं। किसी भवन, अटारी या ऊँचाई पर सरलता से पहुँच सकते हैं। यह सब उनके पंखों का ही तो जादू होता है। वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर बड़ी सुगमता से आ सकते हैं। यदि मेरे पंख होते, तो मैं विभिन्न देशों तक उड़ान भरता। समुद्र के ऊपर उड़ता, नदी के साथ-साथ उड़ता। पेड़ों पर बहुत ऊँचा उड़ता। किसी के हाथों नहीं आता बस जंगलों बागों की सैर करता। बड़े-बड़े भवनों का निरीक्षण करके आता।

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