ye jaruri to nahi ki vyakti apni poshaak ke karan dushron ki madad na kare 

kya koi anya baat ho sakti hai 

plz answer me!!!!!!!!!!!

लेखक और किस बात से मदद करने से रूक गया। उसे अपनी पोशाक की लाज रखनी थी। उसके अंदर समाज का भय था।वह एक सभ्य मनुष्य था, जिसे समाज में मान-सम्मान मिल रहा था। वह किसी ऐसी बुढ़िया की सहायता कैसे कर सकता था, जो समाज के विपरीत जा रही थी। लेखक जानता था कि बुढ़िया जो कर रही थी वो सही था। वह उसके पक्ष में भी था। लेखक का कहानी लिखना इसी बात का प्रमाण है। परन्तु वह समाज से बगावत नहीं कर पाया क्योंकि वह एक सभ्य रूप में था। मेरा मानना है कि समाज के आगे अपनी छवि बिगड़ जाने के भय के कारण ऐसा नहीं कर पाया।

  • -1
What are you looking for?