हिन्दी दिवस: हिन्दी हमारी पहचान, हिन्दी हमारी शान

admin|Sep 14th, 2013 10:00am

हिन्दी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसकी लिपि देवनागरी कहलाती है। हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान है। वैसे भारत में असंख्य भाषाएं बोली जाती हैं परन्तु हिन्दी इन सबमें विशिष्ट है। इसके माध्यम से पूरा भारत आपस में जुड़ा हुआ है। हिन्दी का जन्म ऐसे ही नहीं हुआ। यह विकास के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई, इस शिखर पर आसीन हुई है। आज़ादी के समय में हिन्दी भाषा ने ही देश को एकता के सूत्र में बाँधा था। इसके बाद यह जन-जन की भाषा बन गई। जब देश आज़ाद हुआ, तब देश ने नए सिरे से अपना विकास करना आरम्भ किया। देश को एक नई रूप-रेखा की आवश्यकता थी। अभी तक वह दूसरों के नियम कानूनों को निभा रहा था। अत: सर्वप्रथम आज़ाद भारत का संविधान बनाया गया। वहीं से हिन्दी के विकास का क्रम आरम्भ हुआ। संविधान में हिन्दी भाषा को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया। 14  सितंबर, 1949 को हिन्दी को संघ की राजभाषा घोषित किया कर दिया गया।

यही कारण है कि 14 सितंबर का दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हमारे लिए गौरवपूर्ण दिन है। आज के दिन हम इसे पर्व के रूप में मनाकर विश्व में हिन्दी के प्रति जागृति उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं। 1 सितंबर से ही इसकी तैयारी आरंभ हो जाती है और देश में प्रदर्शनी, मेले, गोष्ठी, सम्मेलन आदि का आयोजन किया जाता है। हिन्दी कवियों तथा लेखकों का उत्साहवर्धन करने के लिए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है। हिन्दी में ही कामकाज हो, इसके लिए हिन्दी पखवाड़ा भी मनाया जाता है।

भारतेन्दु हरिश्चंद्र, महादेवी वर्मा, अज्ञेय, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त, निराला, यशपाल, प्रेमचंद, शरतचंद्र जैसे अनेक साहित्यकारों के साहित्य ने इस भाषा को सदैव के लिए अमर कर दिया है। इन्होंने यह सिद्ध किया है कि हिन्दी हमारी पहचान है, यही हमारी शान है। आओ आज इस दिवस में कसम खाएँ कि हिन्दी के विकास के लिए कार्य करते रहेगें।

हिन्दी भाषा की व्युत्पत्ति:

hindi

 

हिन्दी के बारे में आवश्यक जानकारियाँ:

1. हिन्दी शब्द की उत्पत्ति सिन्धु शब्द से हुई है। जो आगे चलकर हिन्द तथा बाद में हिन्दी बन गया।

2. इसी तरह हिन्द में ईरानी भाषा के ‘एक’ प्रत्यय ने लगकर ऐसा परिवर्तन किया कि हिन्द शब्द हिन्दीक आगे चलकर यह इंडिका तथा अंग्रेज़ी भाषा में यह इंडिया के  नाम से  प्रचलित हुआ।


3. भारतेन्दु हरिश्चंद्र हिन्दी भाषा के नव-जागरण के जनक कहे जाते हैं।

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*सौजन्य: bharatdiscovery.org

4. ‘गार्सां द तासी’ नामक फ्रेंच विद्वान ने हिन्दी साहित्य का इतिहास सर्वप्रथम लेखबद्ध किया था।

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 *सौजन्य: goutdelorient.citedulivre-aix.com


5. हिन्दी भाषा को विश्व में सबसे अधिक बोली जानी वाली भाषाओं में तीसरा स्थान प्राप्त है।

हिन्दी भाषा की विशेषताएँ:

हिन्दी भाषा की विशेषता है कि उसने अंग्रेज़ी शब्दों को इस प्रकार से स्वयं में मिला लिया है कि लगता है, जैसे वे हिन्दी के ही शब्द हैं। यह हिन्दी भाषा की उदारता और विशालता का उदाहरण है। जैसे-

क्र. सं.

हिन्दी शब्द

अंग्रेज़ी शब्द

दोनों शब्दों का मेल

1 लाठी चॉर्ज लाठीचॉर्ज
2 घर टिकट टिकटघर
3 मार पॉकेट पॉकेटमार
4 गाड़ी रेल रेलगाड़ी

 

ऐसे शब्द भी हैं, जो हिन्दी से उत्पन्न हुए हैं और अंग्रेज़ी ने उन्हें अपनाया है।

क्र. सं. हिन्दी के शब्द अंग्रेज़ी ने जिन शब्दों को अपना लिया।
1 जंगल Jungle
2 चिट्ठी Chit
3 चटनी Chutney
4 डकैत Dacoit
5 पाजामा Pyjama
6 बंगला Bungalow
7 चीता Cheetah

 

आपके विचार

हिन्दी दिवस के उपलक्ष पर अपने विचार व्यक्त कीजिये और बताइये-

क्या आपको भी अपनी भाषा पर गर्व है ?
एक हिंदुस्तानी के लिए अपनी भाषा को जानना कितना महत्वपूर्ण  है ?

आप सबको हिन्दी दिवस की बहुत शुभकामनाएं।

सावित्री बिष्ट
हिन्दी विशेषज्ञ

 

Add Comment Total Comments (7)

  • 1. Dakesh sahu  |  August 31st, 2014 at 6:49 am

    Hindi hamari matri bhasha hai mujhe hindi sub . Bhut priy lagta hai jai hind jai Bharat jai chhathishgadha

  • 2. k  |  October 5th, 2013 at 1:12 pm

    yes

  • 3. Deepak Tenguriya  |  September 22nd, 2013 at 9:28 pm

    Ye di sirf ek din hi celebrate karne ka nahi

  • 4. irshita  |  September 16th, 2013 at 6:33 pm

    maaf kijiyega dhanyavad likhna bhool gayi thi…
    kyonki aapne bhi hamari bahut madad ki hai HINDI ke baare mein batane ke liye…

    JAI HIND, JAI HINDI..

  • 5. irshita  |  September 16th, 2013 at 6:27 pm

    shuruat mein to sochti thi ki hindi se kya karna jaruri to angreji hai par dhire – dhire pata chala ki hindi hamari rashtra bhasha hai aur humein is par garv karna chahiye. humein hamare vidyalaya ke hindi pakhvada se kaafi kuchh sikhne ko mila. aur humein garv hona chahiya ki HINDI hamari rashtra bhasha hai aur humein iska prayog karne mein sharm nahi balki garv hona chahiye ki HINDI hamari rashtra bhasha hai, HIND hamara desh aur hindu hamara dharm.

  • 6. vikas kumar manna  |  September 15th, 2013 at 9:24 pm

    denyawad …….. is jankare k liya

  • 7. Aryan  |  September 15th, 2013 at 5:00 pm

    भारत माता की माथे की बिंदी ,
    हमारी राष्ट्र भाषा हिन्दी ।

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