Subject: Hindi, asked on 3/3/18

Subject: Hindi, asked on 1/3/18

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प्रश्न 16-निम्नलिखित गद्यांश का शीर्षक लिखकर एक- तिहाई शब्दों में सार लिखिए:
ऐसा कोई दिन आ सकता है, जबकि मनुष्य के नाखूनों का बढ़ना बंद हो जाएगा। प्राणीशास्त्रियों का ऐसा अनुमान है कि मनुष्य का यह अनावश्यक अंग उसी प्रकार झढ़ जाएगा, जिस प्रकार उसकी पूंछ झड़ गई है। उस दिन मनुष्य की पशुता भी लुप्त हो जाएगी। शायद उस दिन वह मारणास्त्रों का प्रयोग भी बंद कर देगा। तब तक इस बात से छोटे बच्चों को परिचित करा देना वांछनीय जान पड़ता है कि नाखून का बढ़ना मनुष्य के भीतर की पशुता की निशानी है और उसे नहीं बढ़ने देना मनुष्य की अपनी इच्छा है, अपना आदर्श है।बृहत्तर जीवन में अस्त्र-शस्त्रों को बढ़ने देना मनुष्य की पशुता की निशानी है और उनकी बाढ़ को रोकना मनुष्यत्व का तकाजा। मनुष्य में जो घृणा है, जो अनायास बिना सिखाए आ जाती है, वह पशुत्व का घोतक है और अपने को संयत रखना, दूसरों के मनोभावों का आदर करना मनुष्य का स्वधर्म है। बच्चे यह जानें तो अच्छा हो कि अभ्यास और तब से प्राप्त वस्तुएं मनुष्य की महिमा को सूचित करती हैं।

Subject: Hindi, asked on 20/7/17

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