Subject: Hindi, asked on 27/9/17

Pls answer all the questions
प्रश्न-2. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए–
उसे भी देख, जो भीतर भरा अंगार है साथी
सियाही देखता है, देखता है तू अन्धेरे को,
किरण को घेर कर छाये हुए विकराल घेरे को
उसे भी देख, जो इस बाहरी तम को बहा सकती,
दबी तेरे लहू में रौशनी की धार है साथी!

पड़ी थी नींव तेरी चाँद-सूरज के उजाले पर,
तपस्या पर, लहू पर, आग पर, तलवार-भाले पर
डरे तू नाउमींदी से, कभी यह हो नहीं सकता,
कि तुझ में ज्योति का अक्षय भरा भण्डार है साथी

बवण्डर चीखता लौटा, फिरा तूफान जाता है,
डराने के लिए तुझको नया भूडोल आता है;
नया मैदान है राही, गरजना है नये बल से,
उठा, इस बार वह जो आखिरी हुंकार है साथी,

विनय की रागिनी में बीन के ये तार बजते हैं,
रुदन बजता, सजग हो क्षोभ-हाहाकार बजते हैं
बजा, इस बार दीपक-राग कोई आखिरी सुर में
छिपा इस बीन में ही आगवाला तार है साथी!
उसे भी देख, जो भीतर भरा अंगार है साथी!

(क) अँधेरे को हटाने की शक्ति किसमें है?
(ख) ज्योति का अक्षय भंडार किसमें भरा है?
(ग) प्राकृतिक आपदाएँ क्यों आती हैं?
(घ) 'नया मैदान है राही' में 'नया मैदान' से क्या तात्पर्य है?​
 

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