निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से छाँटकर लिखिए

अब न गहरी नींद तुम सो सकोगे,

गीत गाकर मैं जगाने आ रहा हूँ।

अतल अस्ताचल तुम्हें जाने न दूँगा,

अरुण उदयाचल सँजाने आ रहा है। कल्पना में आज तक उड़ते रहे तुम,

साधना से सिहरकर मुड़ते रहे तुमे ।

अब तुम्हें आकाश में उड़ने न दूँगा,

आज धरती पर बसाने आ रहा है।

सुख नहीं यह नींद में सपने संजोना। दुख नहीं यह शीश पर गुरु भार ढोना । शूल तुम जिसको समझते थे अभी तक फूल मैं उसको बनाने आ रहा हूँ ।

देखकर मँझधार को घबरा न जीना

हाथ ले पतवार को घबरा न जाना ।

मैं किनारे पर तुम्हें थकने न दूंगा,

पार मैं तुमको लगाने आ रहा हूँ । तोड़ दो मन में कसी श्रृंखलाएँ

तोड़ दो मन में बसी सकीर्णताएँ ।

बिंदु बनकर मैं तुम्हें ढलने न दूंगा

सिंधु बन तुमको उठाने आ रहा हूँ ।

तुम उठो धरती उठे नभ शिर उठाए

तुम चलो गति में नई गति झनझनाए ।

विषय होकर मैं तुम्हें मुड़ने न दूंगा,

प्रगति के पथ पर बढ़ाने आ रहा हूँ ।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए

(1) 'अस्ताचल और उदयाचल से क्या तात्पर्य है ? [1] (क) सूर्य का उदय होना तथा सूर्य का अस्त होना (ख) सूर्य का चलना तथा सूर्य का उदय हो

(ग) कल्पित पर्वत जिसके पीछे सूर्य का अस्त होना तथा जहाँ से सूर्य का उदय होना (घ) सूर्य का धीरे धीरे चलना तथा सूर्य का तेज तेज चलना

(II) "अब तुम्हें आकाश में उड़ने न दूंगा, आज धरती पर बसाने आ रहा हूँ" इन पंक्तियों का भाव क्या है

? - [1]

(क) आकाश में मत घूमो तथा धरती पर रहो ।

(ख) कवि किसी को भी आकाश में उड़ने न देगा ।

(ग) कवि सब लोगों को धरती पर बसाएगा । (घ) कल्पना लोक में विचरण न कर ठोस धरती की वास्तविकताओं को

जानना ।

(III) 'शूल' और 'फूल शब्दों का प्रतीकात्मक अर्थ चुनिए [1] (क) शूल चुभने वाले और तीखे फूल कोमल और सुंदर । (ख) शूले दुखों और कष्टों का फूले सुख सुविधाओं का ।

(ग) शूल काँटे भूरे रंग के फूल -भिन्न भिन्न रंगों के। (घ) शूल मोटे तथा पतले, फूल रंग बिरंगे सुंदर होना - -

(IV) कवि श्रम और कर्मनिष्ठा से भागने वालों को क्या निर्देश दे रहे हैं ? - [1] (क) प्रगति पथ पर आगे बढ़ो, उचित मार्ग से विचलित न होना ।

(ख) श्रम मत करो, मार्ग पर चलते रहो ।

(ग) श्रम करो, पर एक जगह स्थिर रहो

(घ) प्रगति पथ पर एक निश्चित स्थान पर डटे रहो ।

(V) कवि के अनुसार जीवन में सुख क्या है ?- [1]

(क) जीवन में प्राप्त होने वाली सभी सुविधाओं को भोगना ।

(ख) जीवन में कठिनाइयों का सामना करना ।

(ग) जीवन में कोई कार्य न करना



(घ) जीवन में अधिक धन कमाना ।

प्रिय मित्र,
हम आपको आरंभ के तीन प्रश्नों के उत्तर ढूँढकर दे रहे हैं। अन्य के आप इसी तरह से ढूँढकर करिए। आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-

i. (ग) कल्पित पर्वत जिसके पीछे सूर्य का अस्त होना तथा जहाँ से सूर्य का उदय होना।
ii. (घ) कल्पना लोक में विचरण न कर ठोस धरती की वास्तविकता को जानना।
iii. (ख) शूल दुखों और कष्टों का फूल सुख-सुविधाओं का।

आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।

धन्यवाद।

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