अलंकार छांटिए -1 ] बिपति कसौटी जे कसै तेइ सान्चे मीत2 ] वैसी करै को दया के सिंधु 3 ] कटि विंध्याचल, सिंधु चरणतल 4 ] बुद्धि विवेक बल समय विचारा5 ] मन के होठों पर रस कि बिसरी पहचान जगा 6 ] बिप्र बोल्यो बिपदा में मोहि पहचानै को ?7 ] विकृत स्वाभिमान टूटी-फूटी बोतल-से टूटे हुए सपने टूटे हुए बर्तन सरीखे I 8 ] और सुनने आए रहे उत्तर नदी का, मुझे कोई कभी नहीं आया था राह दिखलाने को I

मित्र हम आपको पहले दोहे का अलंकार दे रहे हैं बाकी का आप इसी तरह से स्वयं ढूँढिए-
1. बिपति कसौटी  में रूपक अलंकार है।

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