1.महादेव देसाई जी को शुक्रतारे की उपमा किउ दी गई है? दी गयी उपमा उचित है या नहीं ?यह उनके कार्य का ब्यौरा देकर स्पष्ट कीजिए .
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
महादेव देसाई को गांधीजी ने शुक्र तारे के समान कहा। शुक्र तारा जिस प्रकार राह दिखा कर विलुप्त हो जाता है। महादेव भाई भी अपना प्रकाश चारों तरफ फैलाकर चले गए। महादेव भाई भारत के समाचार-पत्रों के साथ-साथ विदेशों के भी नामी समाचार-पत्रों में गांधी जी के दैनिक कार्यकलापों, उनकी कार्य-शैली इत्यादि पर लिखते रहते थे ताकि गाँधी जी के बारे मैं दुनिया जाने और समझे। महादेव भाई ने गाँधी जी की आत्मकथा `सत्य का प्रयोग` का अनुवाद अंग्रेजी में किया। महादेव भाई ने कई और साहित्यिक अनुवाद भी किए। उन्होंने `यंग इंडिया` के लिए कि लेख भी लिखे।
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महादेव देसाई को गांधीजी ने शुक्र तारे के समान कहा। शुक्र तारा जिस प्रकार राह दिखा कर विलुप्त हो जाता है। महादेव भाई भी अपना प्रकाश चारों तरफ फैलाकर चले गए। महादेव भाई भारत के समाचार-पत्रों के साथ-साथ विदेशों के भी नामी समाचार-पत्रों में गांधी जी के दैनिक कार्यकलापों, उनकी कार्य-शैली इत्यादि पर लिखते रहते थे ताकि गाँधी जी के बारे मैं दुनिया जाने और समझे। महादेव भाई ने गाँधी जी की आत्मकथा `सत्य का प्रयोग` का अनुवाद अंग्रेजी में किया। महादेव भाई ने कई और साहित्यिक अनुवाद भी किए। उन्होंने `यंग इंडिया` के लिए कि लेख भी लिखे।