3. Experts plz give large answer

प्रिय मित्र!
हम आपके प्रश्न के लिए अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

यह सत्य है कि भावनाएँ प्रेमी को रिझाती हैं। प्रेमी भावनाओं में जीता है। सपने देखता है और सपने में ही बड़ी-बड़ी बातें सोचता है। प्रेमी यथार्थ की भूमि से दूर होता है। प्रेमी के मन को प्रेम की भावनाएँ ही रिझाती हैं, पर प्रभु को आडम्बर से क्या काम। प्रभु तो मन की थाह ले लेते हैं। उनके सामने आडम्बर व्यर्थ हैं। वह तो मनुष्य के मन की भावनाओं को पढ़ सकते हैं। राम आडम्बर से नहीं रीझते, वह तो भक्ति से रीझते हैं। 
 

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