4.tum kab jaoge,athithi path ke aadhar par lekhak ki lekhan saeli ki vishesta par prakash daliye?

नमस्कार मित्र,

तुम कब जाओगे अतिथि पाठ की पहली विशेषता यह है कि लेखक ने इस रचना को व्यंग्य शैली में लिखा है। यह रचना ऐसे लोगों पर व्यंग्य करती नज़र आती है, जो बिना बुलाए किसी के घर चले जाते हैं और फिर लंबे समय तक के लिए टिक जाते हैं। दूसरी, विशेषता  यह है कि इसमें यथार्थ का चित्रण नज़र आता है। हमारे घरों में ऐसे मेहमानों का आना-जाना लगा रहता है, जो अपने मेज़बान की परवाह नहीं करते और टिके रहते हैं। इस रचना के लेखन की तीसरी विशेषता यह है कि इसमें लेखक ने हँसी के अंदाज़ में ऐसे मेहमानों को हाड़े-हाथों लिया है। लेखक की लेखनी में यर्थाथ, हास्य और व्यंग्य के शब्द कूट-कूटकर भरे हैं, जो रचना को मज़ेदार बना देते हैं।

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