कबीर ने अपने दोहे में निंदक को समीप रखने की सलाह दी है। क्या आप भी अपने निंदक को पसंद करते हैं? निंदक के प्रति सकात्मक दृष्टिकोण रखते हुए उससे होने वाले लाभों के बारे में लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए।
मित्र कबीर ने अपने दोहे में निंदक को पास रखने की सलाह दी है। हम भी अपने निंदक को पसंद करते हैं क्योंकि जीवन के प्रति यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। निंदक को साथ रखने से हमें हमारी बुराइयों और गलतियों का एहसास समय-समय पर होता रहता है। निंदक हमारे स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। समय-समय पर हमें हमारी गलतियां बताता है।