a meinkisgaliki baatke gayee hai?

मित्र इस कविता में उन गलियों की बात की गई है, जहाँ व्यक्ति को जीने के लिए पर्याप्त सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। यहाँ सर्वत्र गंदगी फैली हुई है। इसके कारण यहाँ रहने वाले लोग अस्वस्थ होते जा रहे हैं। 

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