aajkal sthaniya Vyanjan ke Punar Udhar ke liye kya kiya ja raha hai

मित्र आजकल स्थानीय व्यंजनों का चलन कम हो गया है। भारत में अब मिश्रित संस्कृति का चलन अधिक हो गया है जिसके कारण स्थानीय व्यंजन अब घरों में धीरे-धीरे बनना बंद होते जा रहे हैं। जलेबियां, इमरती, पूड़ी इत्यादि डाइट के नाम पर अब कम खाया जा रहा है। इस कारण इनके पुनरुद्धार की आवश्यकता है। हमें अपने स्थानीय व्यंजनों को पुनः चलन में लाना होगा तभी हम अपनी संस्कृति को संचित कर पाएंगे।

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