Aam aadmi kise apna kartavya manta hai?

प्रिय मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है –

आम आदमी धर्म और ईमान के लिए अपने प्राण तक देने को अपना कर्तव्य मानता है​​​। हालाँकि, आम आदमी को धर्म का अर्थ नहीं पता होता। केवल उसकी भावनाओं में बहकर किसी अन्य की स्वार्थपूर्ति का साधन बन जाता है। 
 

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