Aap apni kalpana se ishwar ko kis roop me dekhte hain?

मैं जबसे बड़ा हुआ हूँ। मैंने अपने घर में देवी-देवताओं की विभिन्न तस्वीर देखी है। माँ ने मुझे बताया है कि ईश्वर कण-कण में रहता है। अतः मैं ईश्वर को हर रूप में देखता हूँ। मंदिरों में व्याप्त ईश्वर भी मेरी लिए ईश्वर है और प्रकृति की हर वस्तु मेरे लिए ईश्वर के समान है। उन्हें देखकर मुझे प्रसन्नता होती है। अतः मैं ईश्वर की कल्पना सबमें करता हूँ। मेरे लिए ईश्वर किसी परिधि का नाम नहीं है। वह तो सबमें है।

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