Aapane grishm avkash kaise bitaya do mitron ke bich samvad roop mein likhiye
उत्तर–
रमा: अरे गीता! तुम्हें इतने दिन बाद देख कर बहुत खुशी हुई।
गीता: हां रमा ग्रीष्मकालीन अवकाश ही इतना बड़ा था कि मैं उन छुट्टियों में अपनी नानी के घर चली गई थी।
रमा: अच्छा! तुम भी अपनी नानी के यहां गई थी।
गीता: इतनी हैरानी से क्यों पूछ रही हो और कोई भी गया था क्या?
रमा: मुझे पता चला कि इस बार बहुत से बच्चे अपनी नानी के घर गए थे
गीता: अच्छा और तुम इस बार कहां गई थी छुट्टियों में?
रमा: नहीं थी मेरे घर में हमारे सारे रिश्तेदार आए थे और हम सब ने मिलकर खूब मस्ती करी।
गीता: मैंने भी इस बार अपने ननिहाल जाकर खूब मजे किए।
रमा: गर्मियों की छुट्टियां होती ही कुछ ऐसी है यहां पर हम साथ मिलकर अपने घर वालों के साथ खूब मजे करते हैं।
गीता: यह तो तुमने सच कहा, चलो अब कक्षा की ओर चले।
रमा: अरे गीता! तुम्हें इतने दिन बाद देख कर बहुत खुशी हुई।
गीता: हां रमा ग्रीष्मकालीन अवकाश ही इतना बड़ा था कि मैं उन छुट्टियों में अपनी नानी के घर चली गई थी।
रमा: अच्छा! तुम भी अपनी नानी के यहां गई थी।
गीता: इतनी हैरानी से क्यों पूछ रही हो और कोई भी गया था क्या?
रमा: मुझे पता चला कि इस बार बहुत से बच्चे अपनी नानी के घर गए थे
गीता: अच्छा और तुम इस बार कहां गई थी छुट्टियों में?
रमा: नहीं थी मेरे घर में हमारे सारे रिश्तेदार आए थे और हम सब ने मिलकर खूब मस्ती करी।
गीता: मैंने भी इस बार अपने ननिहाल जाकर खूब मजे किए।
रमा: गर्मियों की छुट्टियां होती ही कुछ ऐसी है यहां पर हम साथ मिलकर अपने घर वालों के साथ खूब मजे करते हैं।
गीता: यह तो तुमने सच कहा, चलो अब कक्षा की ओर चले।