​​aapke chote bhai ko patr likkar yog yevam pranayama ke prerith kijiye

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
 
पता ..........
दिनाँक ...........

प्यारे जीवन,
बहुत प्यार!
कल मेरी पिताजी से बात हुई थी, तो पता चला कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है। भाई तुम सारा-सारा दिन पढ़ते रहते हो और खेलने भी बहुत कम जाते हो, तो तुम्हें ऐसी समस्याएँ आएँगी ही।
 
मेरा कहा मानो तो तुम योगा किया करो। यह पूरे शरीर और मस्तिष्क के लिए लाभकारी होता है। प्राणायाम करने से हृदय तथा फेफड़े स्वस्थ बनते हैं। मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। अतः तुम्हें योगा तथा प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।
 
अब पत्र समाप्त करता हूँ और चाहता हूँ कि तुम योगा अवश्य करोगे। ​सबको मेरा प्रणाम कहना और पत्र अवश्य लिखना। 

तुम्हारा भाई
जगत 

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