aapki drushti me kanya ke saath daan ki baat karna kaha tak uchit hai

कन्या माता पिता के लिए कोई वस्तु नहीं है बल्कि उसका सम्बन्ध उनके भावनाओं से है। दान वस्तुओं का होता है। बेटियों के अंदर भी भावनाएँ होती हैं। उनका अपना एक अलग अस्तित्व होता है। विवाह के पश्चात् उसका सम्बन्ध नए लोगों से जुड़ता है परन्तु पुराने रिश्तों को छोड़ देना दु : खदायक होता है। अत : कन्या का दान कर उसे त्याग देना उचित नहीं है।

  • 1
What are you looking for?