aashya spasht karo
duniya ek hein
मित्र इसमें नेहरू जी के कहने का तात्पर्य है कि यह संसार एक हैं परन्तु लोगों ने इसे अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया है। इस संसार को मनुष्य ने भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, चीन इत्यादि नामों में विभक्त कर दिया है। असलियत यह है कि हम एक संसार के हिस्से हैं।