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प्रिय विद्यार्थी ,

आपके प्रश्न का उत्तर है - 

स्वास्थ्य मनुष्य के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। एक स्वस्थ मनुष्य जीवन के हर आनंद का अनुभव लेता है और पूरी स्फूर्ति से अपने दैनिक कार्य करता है। यदि हमारा स्वास्थ्य सही नहीं है, तो जीवन निराशा से भर जाता है। किसी काम में मन नहीं लगता है। जीवन से सारा आनंद गायब हो जाता है। तभी तो कहा गया है कि अच्छा स्वास्थ्य महा वरदान है । हर मनुष्य प्रयास करता है कि वह स्वस्थ रहे। इसके लिए आवश्यक है कि वह निरोग रहे। निरोग रहने के लिए उसे संतुलित भोजन करना तथा रोज़ व्यायाम करना आवश्यक है। संतुलित भोजन शरीर को ऊर्जा तथा रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है तथा व्यायाम शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति हर कार्य करने में समर्थ होता है।
मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से खेलों में भाग लेता रहे। ऐसा करने से शरीर में रक्त-संचार सही रहता है, स्फूर्ति तथा उत्साह भी बढ़ता है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम खेलों के महत्व को नजर अंदाज कर देते हैं, इससे हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हम आलसी होते जाते हैं। हमारा शरीर बेडौल हो जाता है। हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ आ घेरती हैं। यदि हम नियमित रूप से खेलते रहते हैं, तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। हम चुस्त-दुरूस्त बने रहते हैं। संतुलित भोजन शरीर की अन्य माँगों को पूरा करता है और मनुष्य को रोगों से लड़ने के लिए आवश्यक खनिज, प्रोटीन तथा वसा उपलब्ध करवाता है। हमें जीवन का भरपूर आनंद लेने के लिए स्वास्थ्य को महत्व देना पड़ेगा।

इस आधार पर आप अपना उत्तर लिख सकते हैं ।

आभार ।

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The topic was, " Acche Swasthye ke labh ".
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अंग्रेजी में एक कहावत है स्वास्थ्य ही सच्चा धन है। ध्यान से, व्यवहार की दृष्टि से वचिार करने में स्पष्ट हो जाता है कि कहावत में कही गई बात एकदम सत्य है। अच्छे स्वास्थ्य को सच्चा धन या महावरदान मानने में कुछ भी झूठ या अतिशियोक्ति नहीं है। वह इसलिए कि स्वस्थ व्यक्ति ही इस संसार और जीवन में इच्छित कार्य पूरे कर सकता है। जो चाहे, बन सकता है। जहां चाहे, जहा सकता है। जो भी इच्छा हो, खा-पीकर जीवन का हर आनंद प्राप्त कर सकता है। इसी कारण तो लोगों की ‘तंदुरुस्ती हजार नेहमत है’ जैसी कहावतें कहते सुनते देखा-सुना जा सकता है। ‘नेहमत’ का मतलब आनंद और वरदान आदि से लगाया और समझा जा सकता है।
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