about the writer

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महादेवी का जन्म 26 मार्च, 1907 में फर्रुखाबाद में हुआ था। वह अपने घर में कई पीढ़ियों के बाद पैदा हुई थी इसीलिए उन्हें उनके परिवार में विशेष प्रेम मिला था। उनके पिता श्री गोविंद प्रसाद वर्मा भागलपुर के कॉलेज में प्राध्यापक थे। उनकी माता का नाम हेमरानी देवी था। उनके पिता बहुत खुले व नए विचार के व्यक्ति थे। उनकी माता धार्मिक विचारों की स्त्री थी। अपने परिवार में वह करीब दौ सौ सालों के बाद देवी की कृपा से उत्पन्न हुई थी। अत: उनके पिता ने उनका नाम महादेवी रखा। उनकी आरंभिक शिक्षा इंदौर में हुई थी। उनकी संस्कृत, फारसी और उर्दू की शिक्षा घर पर हुई थी। उसके कुछ समय बाद उनका विवाह नबाव गंज कस्बे के निवासी श्री स्वरूप नारायण वर्मा से कर दिया गया। विवाह के कारण कुछ समय तक उनकी शिक्षा पर विराम लग गया था। परन्तु क्रास्थवेट कॉलेज से उनकी शिक्षा दुबारा आरंभ हुई। वह पढ़ाई में कुशाग्र थी। उन्होंने पूरे क्षेत्र में छात्रवृत्ति पाई थी। कविता लिखना उन्होंने बहुत पहले से आरंभ कर दिया था। कविता में तो उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में कई पुरस्कार पाए थे। महादेवी जी को आधुनिक मीरा भी कहा जाता है। इनका विवाह अवश्य हुआ परन्तु यह सारा जीवन सन्यासी की तरह रहीं। महादेवी का कार्यक्षेत्र लेखन, संपादन और अध्यापन रहा। उन्होंने इलाहाबाद में प्रयाग महिला विद्यापीठ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। वह इसकी प्रधानाचार्य एवं कुलपति भी रहीं। महादेवी छायावाद के चार प्रमुख रचनाकारों में से एक थी। वह बहुत विद्वान थी। अपना सारा जीवन उन्होंने साहित्य को समर्पित कर दिया था। इनकी मृत्यु 11 सिंतबर, 1987 में हुई थी।  
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढेरों शुभकामनाएँ !

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