'Agar pariksha nahi hoti to' par Anuched lekhan
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है:
हम सब नियमों में बंधे होते हैं। नियम के कारण ही हम सारे कार्य ठीक से करते हैं। बिना नियम के कोई कार्य सही नहीं होता है। इसी प्रकार वर्ष के अंत में परीक्षा होना भी एक नियम है। अगर परीक्षा नहीं होती तो हम पास नहीं हो पाते और ना ही अगली कक्षा में जा पाते। परीक्षा नहीं होती तो हम पूरी जिम्मेदारी से पढ़ाई नहीं करते और ना ही अगली कक्षा में बैठ पाते। हमारा वर्ष भर का मूल्यांकन भी परीक्षा के माध्यम से पता चलता है। यदि परीक्षा नहीं होती तो हमारा मूल्यांकन भी नहीं हो पाता।
आपका उत्तर इस प्रकार है:
हम सब नियमों में बंधे होते हैं। नियम के कारण ही हम सारे कार्य ठीक से करते हैं। बिना नियम के कोई कार्य सही नहीं होता है। इसी प्रकार वर्ष के अंत में परीक्षा होना भी एक नियम है। अगर परीक्षा नहीं होती तो हम पास नहीं हो पाते और ना ही अगली कक्षा में जा पाते। परीक्षा नहीं होती तो हम पूरी जिम्मेदारी से पढ़ाई नहीं करते और ना ही अगली कक्षा में बैठ पाते। हमारा वर्ष भर का मूल्यांकन भी परीक्षा के माध्यम से पता चलता है। यदि परीक्षा नहीं होती तो हमारा मूल्यांकन भी नहीं हो पाता।