Alankar Kise Kahate Hain
मित्र अलंकार से तात्पर्य- आभूषण
जिस प्रकार आभूषणों के प्रयोग से स्त्री का लावण्य (सौंदर्य) बढ़ जाता है, उसी प्रकार काव्यों में अलंकारों के प्रयोग से काव्यों की शोभा बढ़ जाती है, अर्थात् अलंकारों का प्रयोग काव्य में चमत्कार व प्रभाव उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
इसलिए कहा भी गया है − “अलंकरोति इति अलंकार” अर्थात् जो अलंकृत करे वही अलंकार है।
अलंकारों के भेद-
अलंकारों के मुख्यत: दो भेद माने जाते हैं-
(1) शब्दालंकार
(2) अर्थालंकार