पी टी सा हब की 'शा बाशफ़ौ ज के तम गों-सी क्यों लग ती थी। स्प ष्ट की जिए

ANS(given):                                        

जब ब च्चे कोई भी गल ती न कर ते प्रा र्थ ना के स म य सी धी क तार ब ना कर ख ड़े  रह ते तो पीटीसा हब उ न्हें 'शा बा शक ह ते।

but pt sir said shabaash while scouting and not in the assembly

sorry for the spaces left else i wont be able to post this qn

Hi!
पी.टी. साहब बहुत कठोर स्वभाव के थे। उनके अनुसार बच्चें सज़ा देकर व कड़े अनुशासन में रखकर ही काबू में आते हैं। वह बच्चों के साथ हमेशा मार-पीट करते थे। बच्चों से प्यार व स्नेह से उन्होंने कभी नहीं बोला था। उन्होंने उनसे जब भी बात की सज़ा या डंडे की बात की बच्चे स्वयं उनसे प्यार व स्नेह की आशा नहीं करते थे। अत: वह बच्चों को शाबास बोल देते तो बच्चों के लिए वह तमगों के समान ही होता था। जो हमेशा मारता रहे या डांटता रहे उससे जब यह एक शब्द सुनने को मिलता तो उन्हें लगता की आज तो उन्होंने जरुर अच्छा काम किया है तभी तो उन्हें यह शब्द सुनने के लिए मिला है।
बिलकुल सही है शाबास वह प्रार्थना सभा में नहीं कहते थे अपितु स्काउटिंग करते समय कहते थे।  
 
मैं आशा करती हूँ कि आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढेरों शुभकामनाएँ !

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