Ans this question...
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
इसमें लेखक ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य किया है, जो दिखावे को जीवन का आधार मानते हैं। उनके लिए दिखावा अहम है। स्वयं को और समाज को भ्रमित कर रहे हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति आँखें बंद किए रहते हैं। इसमें लेखक स्वयं तक को गिनता है।
सादर।
सादर।