Answer and help

प्रश्नोत्तर
9. बिहारी ने जगत को तपोवन क्यों कहा है और इससे क्या संदेश देना चाहा है?

मित्र!  

तपोवन का अर्थ है, जहाँ तप किया जाता है। वहां आपसी प्रेमभाव और मित्रता का वातावरण रहता है। तपोवन में कोई किसी का बैरी नहीं होता और वहाँ किसी की किसी के साथ शत्रुता नहीं होती है। कवि ने जगत को तपोवन की तरह माना है क्योंकि वन में सभी प्राणी आपसी तकरार भूलकर भयंकर गर्मी में एक साथ पेड़ों की छाया में बैठते हैं। इससे यह सन्देश मिलता है कि जब पशु अपनी शत्रुता भूल कर एक साथ रह सकते हैं तो मनुष्य क्यों नहीं रह सकता।

  • 0
Please find this answer

  • -1
What are you looking for?