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2. 'पर्वत प्रदेश में पावस' के आधार पर 'है टूट पड़ा भू पर अंबर' पंक्ति का भाव स्पष कीजिए।
मित्र
सुमित्रानंदन पंत जी ने इस पंक्ति में पर्वत प्रदेश के मूसलाधार वर्षा का वर्णन किया है। पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु में प्रकृति की छटा निराली हो जाती है। कभी-कभी इतनी धुआँधार वर्षा होती है मानो आकाश टूट पड़ेगा।