Answer of this question plz asap
मित्र हरिहर काका की स्थिति दयनीय थी। उनके भाइयों की पत्नियों ने कुछ दिन तक तो हरिहर काका का ध्यान रखा फिर बची खुची रोटियाँ देने लगी। नाश्ता नहीं देते थे। बिमारी में कोई पूछने वाला भी न था। जितना भी उनका ध्यान रखा जा रहा था, उनकी ज़मीन के कारण रखा लिए था।