Answer the following questions after reading the  poem. 
कितने भाग्य शाली हैं हम
जो देख सकते हैं सारी दुनिया
सोचो जरा उनके बारे में
जिन्हें नसीब ना हो पाई
जीवन की रंग-बिरंगी झलकियाँ
जीवन के हर रंग से है वो बेखबर
प्रकृति की सुंदरता देखने को
नहीं मिली उन्हें कोई नज़र
क्या हमारा कर्त्तव्य नहीं
कि हम कर दें उनके अँधेरों को रोशन
मृत्यु के बाद अपने नेत्र दान कर
दे दें उन्हें एक नया जीवन
क) कवि हमें भाग्यशाली क्यों कह रहा है?
ख) हमें किसके बारे में सोचना चाहिए?
ग) कवि हमें क्या कर्त्तव्य याद दिला रहा है?
घ) कविता का उचित शीर्षक लिखिए

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
क) कवि हमें भाग्यशाली कह रहा है क्योंकि हम सारी दुनिया देख सकते हैं।
ख) हमें उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए, जिनके पास देखने के लिए आँखें नहीं है।
ग) कवि हमें कर्त्तव्य याद दिला रहा है कि हमें अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करना चाहिए।
घ) कविता का उचित शीर्षक नेत्रदान होना चाहिए।

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But wheres the poem??
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Oh !! I m so sorry it was not coming on my tab.. :-(
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But its so easy..please try it yourself!!!!
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