Answer the question in 50-60 words:
नि:स्वार्थ जीवन जीना स्वार्थपूण जीवन से बेहतर होता है कैसे?

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

निस्वार्थ जीना स्वार्थ पूर्ण जीवन से निश्चित रूप से बेहतर होता है। स्वार्थ पूर्ण जीवन आपका अकेले का होता है जबकि निस्वार्थ जीवन में परहित होता है। जीवन जीने का असली आनंद ही तब है जब आप परोपकार और परहित की बात चिंता करें। मनुष्य जीवन में हमें स्वार्थी नहीं होना चाहिए नहीं तो मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता।

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