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खण्ड 'क'
अपठित गद्यांश
प्रश्न1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए–(2×4)(1×1)
मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए कि मनुष्य बड़ा बुद्धिमान और कल्पनाशील प्राणी है। अपने विचारों के बल पर ही वह जो चाहे कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है। परंतु विचार सच्चे और पवित्र होने के साथ–साथ मनुष्य के व्यवहारिक जीवन से संबंध रखने वाले होने चाहिए। इन्हीं बातों को आधार बनाकर 'सादा जीवन, उच्च विचार को मानव–जीवन की सफलता की सीढ़ी माना गया है। सादगी मनुष्य के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव–भाव, विचार तथा जीवन के ढंग से टपकनी चाहिए। यही वास्तविक सादगी है, जो विचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उन्नति और विकास का कारण बनती है। संसार का इतिहास इस बात का गवाह है कि आरंभ से ही सादगी पसंद व्यक्ति ही जनता को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास की राह प्रशस्त करते आ रहे हैं। महात्मा बुद्ध, संत कबीर, गुरू नानक, महात्मा गांधी, डॉ. राधा कृष्णन, विनोबा भावे आदि इस तथय के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
क. गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ख. मनुष्य का जीवन श्रेष्ठ क्यों माना जाता है?
ग. उन्नति करने के लिए मनुष्य के विचार कैसे होने चाहिए?
घ. गद्यांश में आए महापुरुषों में से कौन भारत के राष्ट्रपति रह चुके थे?
ङ. 'उन्नति' शब्द का विलोम शब्द लिखिए।