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 प्रिय छात्र

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए। टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परी जाए।।
 
व्याख्या - रहीम कहते हैं कि प्रेम का धागा बहुत नाज़ुक होता है। अर्थात प्रेम के रिश्ते बहुत नाज़ुक होते हैं। इनको झटका देकर अर्थात कठोर बातें करके नहीं तोड़ना चाहिए। यदि यह एक बार रिश्तों में दरार आ जाए, तो इसे पुन: ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है।   
 
रहिमन देखि बड़ेन को लघु न दीजिए डारि। जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।।
 
व्याख्या - रहीम कहते हैं कि कभी भी बड़ी चीज़ को देख कर, उससे छोटी चीज़ का तिरस्कार नहीं करना चाहिए और न ही उसको तुच्छ समझना चाहिए। क्योंकि जहाँ पर  छोटी सी सुई काम कर जाती है, वहां तलवार कुछ नहीं कर पाती।

धन्यवाद।

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