Answer this Question ..
प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
कबीर के अनुसार हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो सुनने में सुखदायक हो और मीठी हो । मीठी वाणी बोलने से हमारा अहंकार समाप्त हो जाता है और अहंकार के समाप्त हो जाने के कारण हमारा तन शुद्ध और शीतल हो जाता है । मीठी वाणी सुनने में सुखदायक और आनंददायक होती है , इसी कारण से मीठी वाणी से दूसरों को सुख की प्राप्ति होती है ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
कबीर के अनुसार हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो सुनने में सुखदायक हो और मीठी हो । मीठी वाणी बोलने से हमारा अहंकार समाप्त हो जाता है और अहंकार के समाप्त हो जाने के कारण हमारा तन शुद्ध और शीतल हो जाता है । मीठी वाणी सुनने में सुखदायक और आनंददायक होती है , इसी कारण से मीठी वाणी से दूसरों को सुख की प्राप्ति होती है ।
आभार ।