Answer this ,
प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
आत्मसम्मान निभाने से तात्पर्य है अपने सम्मान को बचाना ।
'लखनवी अंदाज' पाठ में लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि उसने नवाब साहब को पहले मना कर दिया था और फिर दुबारा पूछे जाने पर अपने सम्मान को बचाने के लिए उसे ना कहना पड़ा ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
आत्मसम्मान निभाने से तात्पर्य है अपने सम्मान को बचाना ।
'लखनवी अंदाज' पाठ में लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि उसने नवाब साहब को पहले मना कर दिया था और फिर दुबारा पूछे जाने पर अपने सम्मान को बचाने के लिए उसे ना कहना पड़ा ।
आभार ।