Anu ched kisi 1 par likye

त्तर -
आज का मानव जीवन विज्ञापन की दुनिया में पूरी तरह घिरा हुआ है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हम विज्ञापन के होड़ की ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहाँ से घर से निकलने के बाद हमारे आकर्षण के पूरे बंदोबस्त कि होते हैं बोर्ड, होर्डिंग, तस्वीर, बेनर की शक्ल में पूरा बाजार विज्ञापनों से भरा पड़ा नजर आता है किसी उत्पाद अथवा ब्रांड के अधिकतम प्रसार और प्रचार के लिए जिस सार्वजनिक माध्यम का उपयोग किया जाता है उसे हम विज्ञापन कहते हैं। इसका उद्देश्य सम्बन्धित वस्तु, उत्पाद सेवा का उपभोक्ताओं तक फैलाना होता है। इसके मूल में आर्थिक लाभ, व्यापार, ब्रांड व कम्पनी की लोकप्रियता में वृद्धि करना होता है। विज्ञापन की मायावी दुनिया का मूल लक्ष्य सम्बन्धित सेवा को उसके उपभोक्ताओं तक पहुँचाना होता है। वस्तु की गुणवत्ता, दोष से इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता है। इस लिए कहा जाता है जो दीखता है वही बिकता है। आज लोग गुणवत्ता की परख को छोड़कर विज्ञापन की हस्ती के कथनानुसार ही खरीद करते नजर आ रहे है।


विज्ञापन ही बाजार की मांग का निर्धारण कर रहे हैं आज के भड़कीले और चमक दमक वाले ऐड आम आदमी को मुर्ख बनाने की होड़ में लगे हैं जो जितने अधिक लोगों को मूर्ख बना सकता है वही अधिक माल कमाता है खासकर अपरिपक्व बच्चों के दिमाग के साथ खेलना इन्हें बेहद पसंद होता है
आज के प्रतिस्पर्धा के युग में बाजार एक ही उत्पाद के सैकड़ों ब्रांड से भरे पड़े हैं। ग्राहक अपनी आवश्यक की वस्तु किस ब्रांड की खरीदे उनके इस निर्णय में विज्ञापन अपनी अहम भूमिका अदा करता है।
 

  • 1
What are you looking for?