anuched lekhen muhaure par adharit (maximum 50 muhaure)

मित्र आपका प्रश्न स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। हम आपको मुहावरों पर आधारित अनुच्छेद लिख रहे हैं। 

मुहावरे  भाषा में विशेष महत्व रखते हैं। मुहावरों से युक्त भाषा जहाँ भाषा को प्रभावी बनाती हैं वहीं पाठकों को बाँधे रखती है।  मुहावरे रहित भाषा अच्छी अवश्य हो सकती है। परन्तु प्रभावशाली मुहावरों के बाद ही होती है। प्रेमचंद एक ऐसे लेखक हैं, जिनकी भाषा मुहावरों से युक्त थी। इनकी रचनाएँ फिर वह उपन्यास हो या कहानी मुहावरों के कारण सबको आखिर तक बाँध रखती है। प्रेमचंद मुहावरों के प्रयोग में सिद्धहस्त लेखक थे। बड़े भाई साहब कहानी की एक पंक्ति में मुहावरों का उन्होंने बहुत अच्छा प्रयोग किया है। 

यहाँ रात-दिन आँखें फोड़नी पड़ती है और खूल जलाना पड़ता है, तब कहीं विद्या आता है।

इस वाक्य में प्रेमचंद की मुहावरे युक्त भाषा वाक्य में जान डाल देती है। मुहावरे किसी भी भाषा में चमत्कार उत्पन्न कर देते हैं। यही कारण है कि इन्हें भाषा में महत्वपूर्ण स्थान मिला है। और इनके प्रयोग को लेखक बड़ी प्रसन्नता से प्रयोग करते हैं। 

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