Anya kathputaliyon ki baat sunkar, pahali kathputali soch mein kyon pad jaati hai?
अपनी साथी कठपुतली की बात सुनकर उन्हें गुलामी से भरे जीवन के प्रति वितृष्णा जागृत हो जाती है। उन्हें अहसास होता है कि लंबे समय से वे गुलामी भरा जीवन जी रही हैं। अतः वे सोच में पड़ जाती हैं।