" apne kharaton se ek aur raat gunjayman " is pankti ka arth tum kab jaoge atithi path ke adhar par spasht karein .

नमस्कार मित्र,
आपकी समस्या के समाधान के लिए हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं। 

लेखक के घर पर आए हुए अतिथि अब जाने का नांम ही नहीं ले रहे थे। अतिथि जो देवता का रुप होता है वह लेखक के लिए दानव बनता जा रहा था। लेखक अतिथि पर व्यंग्य करते हुए कह रहा है कि तुम तो शांति से खर्राटे मारकर सोते हो और कल तुम्हारी पाँच रातें इस घर में पूरी हो जाएँगी। लेकिन मेरी नींद तो उड़ चुकी है। 

आशा करते हैं कि दिए गए उत्तर से आपकी समस्या का समाधान हो गया होगा। अगर आपको इस प्रश्न से संबंधित औप कोई समस्या हो तो आप हमें Ask and Answer पर भी संपर्क कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। 

  • 1
What are you looking for?