Apne shithkaleen chuttiyo ka varnan karte huy apne mthr ko pathr likhe.

LETTER WRITING IN HINDI.

नमस्कार मित्र, 

 

परीक्षा भवन, 

नई दिल्ली। 

दिनाँक: ............. 

प्रिय मित्र रघु, 

बहुत प्यार! 

बहुत समय बाद तुमको पत्र लिख रहा हूँ। इस बार के सर्दियों के अवकाश में तुम्हारी बहुत याद आई। पिछले वर्ष तक तुम हमारे साथ थे। तो अवकाश के दिन यूहीं निकल जाया करते थे। परन्तु मित्र इस बार तुम्हारी याद और सर्दियों ने तो बहुत ही दुखी किया। इस बार दिल्ली में बहुत भंयकर सर्दी पड़ी। सरकार द्वारा विद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था। कोहरे की चादर में लिपटी दिल्ली में लोगों का निकलना कठिन हो गया था। शाम को 7 बजे से ही कोहरा छाने लगता और सुबह देर तक कोहरा छाया रहता था। माँ ने तो घर से निकलने पर ही रोक लगा दी थी। परन्तु इस बार खाने के लिए बहुत बढ़िया व्यंजन मिले। ठंड से बचने के लिए माँ रोज ही देशी घी से युक्त हलवा बनाया करती थीं। सर्दी के मौसम में सब्जियों की बहार के कारण हमने आलू गोभी के परांठे, गाजर का हलवा, सभी सब्जियों के विभिन्न तरह के सूप पिए। माताजी घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों को खेलने के लिए जोर दिया करती थीं। यदि किसी कारणवश निकलना भी पड़ता तो माँ दुनियाभर के कपड़े पहना दिया करती थीं। दोपहर के समय हमें कुछ देर तक खेलने की आज़ादी मिल जाती थी। धूप में खेलना बड़ा आनंद देता था। परन्तु मित्र इस आनंद में तुम्हारी कमी बहुत खलती थी। तुमने अपनी सर्दियों के अवकाश कैसे निकाले अवश्य बताना। अब पत्र समाप्त करता हूँ। 

तुम्हारा मित्र, 

विक्रम

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smvbak

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thank u a lot!!!!!!!!

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